4/03/2008
क्या जबरदस्त एड है यार....क्या कहते हो?
आप में से बहुत लोगों ने ये एड देखी होगी और कुछ ने नहीं
मुझे तो यह एड इतनी पसंद है की मैं इसे सैंकड़ो बार देख चुका हूँ फिर भी जब भी देखता हूँ हसी आ ही जाती है
आपको कैसी लगी?
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3 comments:
वाकई में बड़ा जबरदस्त Ad है।
पूरे देश में दिखाया जा रहा है कि एक दुपहिया सवार गैर-मान्यता प्राप्त, असुरक्षित हेलमेट पहन कर वाहन चला रहा है।
ट्रैफिक पुलिस यह नहीं देखती?
झूटे-सच्चे कारण से रोके जाने पर पुलिस कर्मी को पर्स दिखा कर बता रहा है कि पैसे नहीं हैं!
चिदम्बरम जी कहाँ हैं?
पुलिस वाले की निगाह उसकी जेब पर है कि मोबाईल है या नहीं?
सुनील मित्तल जी सुन रहे हैं?
वाहन सवार, अपने दोस्त को बाप बना रहा है!
लड़के की माँ भी ध्यान दे जरा
पुलिस वाला कहता है, सिगनल ही तो तोड़ा है, कोई हत्या तो नहीं की है!
कानून के रखवाले, सुनें
बाप बना दोस्त कहता है लड़का इतना बुरा नहीं है तो तुम पालो!
मानवाधिकार वालों को इन चीजों से मतलब नहीं है
पुलिस वाला उस निरीह 'बेटे' की बलैय्या लेकर जाने देता है!
इलाके के पुलिस इंचार्ज ध्यान दें
Ad वाले कहते हैं- जब लाइफ दिलाये झटके, सोच जरा हटके!
अब इतने झटके इन्होंने दिये, तो हम भी तो जरा हट कर सोचेंगें
क्या Ad है यार।
अगर यह अमेरिका होता तो ऐसे Ad पर तो बैन लग गया होता। वैसे Virgin अमेरिका की ही है ना?
Ad देखकर हंसने वालों का दिमाग भी हिल गया लगता है (क्योंकि, सोच जरा हटके)
अब हटेगा, तो हिलेगा ही ना!
हा हा!! मजेदार/
पसंद अपनी अपनी...मौज अपनी अपनी ...मस्ती अपनी अपनी.....अब किसी को कोई विज्ञापन गुदगुदा रहा है तो वास्तविकता यही है कि उसे वह अच्छा लग रहा है। अब वह चाहे या तो इस का मज़ा लूट ले और चाहे तो इस छोटी सी खुशी में नैतिक..अनैतिकता, कानून.., सही-गलत को घुसेड़ कर अपनी अच्छी भली खुशी में ज़हर घोल ले।
फंतूश जी, आप बस अपनी ओरिजिनैलिटी कायम रखिये....और किसी चक्कर में पड़ने की ज़रूरत नहीं है......वैसे यह एड मुझे भी बेहद पसंद है। पुलिसवाला ओरिजनल से भी ज़्यादा ओरिजनल लगता है, बाइक वाला लड़का भी लगता है कि अपने पड़ोस ही में रहता है और जिस छोरे ने बाप के डायलाग बोले हैं वे भी एक दम जबरदस्त हैं.....अब इस से ज़्यादा किसी विज्ञापन बनाने वाले की जान लोगे क्या ! ऐसे विज्ञापन को ही slice of life कहते हैं।
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